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सच्चा परमात्मा कौन है?

हमें उस परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए जिससे हमें सर्व सुख प्राप्त हो और मृत्यु के बाद मोक्ष मिले | सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने हमें बताया पुर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी हैं जिन्होंने छः दिन में सृष्टि की रचना की तथा सातवें दिन तख्त पर जा विराजे |
इसका प्रमाण हमको हमारे पवित्र शास्त्रों में मिलता हैं -
ऋगवेद मंडल 1 सुक्त 1 मंत्र 5 में लिखा है की सर्व सृष्टि रचनहार कबीर साहेब है | तेजोमय शरीर युक्त है | जो साधको के लिए पूजा करने योग्य हैं | जिसकी प्राप्ति तत्वदर्शी संत के द्वारा बताए वास्तविक भक्ति मार्ग से विकार रहित भक्त को होती हैं |
कबीर साहेब जी ही पुर्ण परमात्मा है वो हमारे सारे पाप कर्म काट सकते हैं और हमें पुर्ण मोक्ष दे सकते हैं | उनकी भक्ति करने से सर्व सुख प्राप्त होते है वो हमारे जीवन रक्षक है जो हमारी आयु भी बढ़ा सकते हैं |
हमें यह सब प्रमाण सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने दिए क्योंकि वह सतगुरु हैं जिन्होंने हमें बताया की कबीर साहेब ही पुर्ण परमात्मा है जिनकी सत भक्ति करने से ही हमें सर्व सुख मिलते हैं और साथ ही मोक्ष भी प्राप्त होता है |अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सर्व धर्मों के पवित्र शास्त्रों के आधार पर साधना चैनल पर 7:30 PM. 

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कबीर प्रकट दिवस  जयंती तो उसकी मनाई जाती है जिसकी जन्म- मृत्यु होती है, लेकिन "कबीर साहेब" अविनाशी भगवान हैं, जिनकी कभी भी जन्म-मृत्यु नहीं होती। कबीर साहेब ने अपनी वाणियों में स्पष्ट किया है, कि उनका जन्म नहीं होता।  ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।  काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहाँ जुलाहे ने पाया।  माता पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी।  जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरी हांसी।।

कबीर परमेश्वर का अद्भुत ज्ञान

अद्भुत ज्ञान  कबीर परमेश्वर ने ही सतलोक के विषय में बताया कि ऊपर एक ऐसा लोक है जहां सर्व सुख है। वहां कोई कष्ट नहीं है। जिसकी गवाही संत गरीबदास जी ने दी है।  गरीब, संखो लहर महर की उपजै, कहर जहां न कोई।  दास गरीब अचल अविनाशी, सुख का सागर सोई।। तीनों देवताओं (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की वास्तविक स्थिति से परिचित करवाते हुए परमात्मा कबीर जी ने कहा :-  तिनके सूत है तीनों देवा, आंधर जीव करत हैं सेवा। कबीर परमात्मा का तत्वज्ञान  काल कौन है, कहां रहता है, वह हमें कष्ट क्यों देता है, काल के सभी कार्यों के बारे में परमात्मा कबीर जी ने ही विस्तार से बताया है ।  सतलोक पृथ्वी लोक से कितनी दूरी पर स्थित है और वहां कैसे जाया जा सकता है। यह जानकारी कबीर परमात्मा जी ने ही दी है ।